आडवाणी जी जैसा कोई नहीं

आडवाणी जी स्वभाव से थोड़े से शर्मीले हैं लेकिन हैं दृढ़निश्चयी और प्रखर वक्ता। संघ कार्य के प्रचार के लिए आडवाणी जी एक विद्यालय में पढ़ाने लगे। आप उनके भाषणों में एक अध्यापक को आज भी देख सकते हैं। एक-एक बात को आहिस्ता-आहिस्ता समझाते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाते हैं। उनकी भाषा में अक्सर एक उग्रता दिखाई देती है लेकिन वह कभी भी अमर्यादित नहीं होते हैं। आडवाणी जी के ऐसे ही कुछ अंदाज यहां प्रस्तुत किए जा रहे हैं-